मंत्र सिद्ध चैतन्य “पारद कुबेर यंत्र” :
“धन” अर्थात संम्पत्ति, वैभव, निधि, जिसके बिना सब कुछ इस युग में अधुरा ही है | शास्त्रों के अनुसार दिरिद्रता निवारण, भाग्य-बाधा समाप्ति एवं शीघ्र आर्थिक उन्नति के लिए कुबेर यंत्र श्रेष्ठ व् अति उत्तम है | शिव द्वारा विशेष आशीर्वाद युक्त होने के कारण कुबेर सूर्य के सामान तेजस्वी देव हैं और विशेष बात तो यह है कि देवताओं को भी धन के लिए कुबेर की ही प्रार्थना करनी पड़ती है |
पारद कुबेर का जहाँ स्थान होता है, वहाँ साक्षात् महालक्ष्मी “राजश्री” के रूप में निवास करती है | जहाँ कुबेर हैं वहां लक्ष्मी हैं, नव्निधियाँ हैं; अप्सराओं का आनंद है | कुबेर के साधक पर शिव कृपा तो विशेष रूप से रहती ही है, साथ ही पारद कुबेर से शुक्र का सौभाग्य भी पूर्णरूप से साधक को प्राप्त हो जाता है |
कोई भी यग्य, पूजा, उत्सव कुबेर की पूजा के बिना संपन्न हो ही नहीं सकता और जिसने भी अपने जीवन में इस महत्वपूर्ण साधना को संपन्न किया है उसने अपने जीवन में जो चाह है, उसे वह मिला है | कुबेर धनाध्यक्ष हैं और इनकी साधना एक दरिद्र व्यक्ति को करोड़पति व् नवनिधि का स्वामी बना सकता है, तो फिर क्यों न अपने घर में मंत्र सिद्ध चैतन्य पारद कुबेर यंत्र की स्थापना कर उसकी पूजा-साधना संम्पन्न करें |
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