मन्त्र सिद्ध चैतन्य “सम्राटाभिषेक माला” :
सत्य की ओर तटस्थ होना, सत्य में ठहर जाना, सत्य में पूर्णतः प्रवहित होना ही सत्यता को जान, सत्य में समाहित होने की चाह लिए जीवन को गतिशील कर, पूर्णता के साथ परमात्मा ब्रह्म को प्राप्त हो जाना ही जीवन की सम्पूर्णता है, जो मन्त्र सिद्ध चैतन्य सम्राटाभिषेक माला शरण करने से सहज ही संभव हो जाता है….
सत्य की राह चल, सत्यता को संसार में स्थापित करना, सत्य का अर्थात्त गुरु रुपी ब्रह्म में तल्लीन रहना, हर पल सिर्फ और सिर्फ मुझ परमात्मा के लिए जीवन को गतिशील करने का अहोभाव, व्यक्ति साधक शिष्य में हो तो वह संसार के सारे गतिविशियों को सम्पूर्णता के साथ सहज ही पूर्ण कर लेता है और अंततः मुझ ब्रह्म में समाहित हो सर्व सुख शांति समृद्धि प्राप्त कर जीवन को परम आनंदित हो जीता है, यही मन्त्र सिद्ध चैतन्य दुर्लभ सम्राटाभिषेक माला की विशेषता है, आप सभी के जीवन का सौभाग्य दुर्लभ सम्राटाभिषेक माला प्राप्त करना….
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