1. महाविद्या मातंगी देवी कौन हैं ?
[महाविद्या मातंगी देवी] दस महाविद्याओं में नवम स्थान पर विराजमान हैं। ये तंत्र साधना की सर्वोच्च देवियों में से एक हैं जो विद्या, कला और वाक् सिद्धि प्रदान करती हैं।
1.1 महाविद्या मातंगी का दिव्य स्वरूप
- वर्ण: हरित (हरा)
- वाहन: मयूर
- आयुध: वीणा, खड्ग, पाश
- विशेषता: उच्छिष्टचाण्डालिनी रूप
तंत्रसार तंत्र में वर्णन:
“हरितांगी मातंगी देवी वीणापुस्तकधारिणी।
सर्वसिद्धिप्रदात्री च सर्वकामफलप्रदा॥”
2. महाविद्या मातंगी साधना के 7 चमत्कारी लाभ
2.1 वाक् सिद्धि – सम्मोहन शक्ति
[महाविद्या मातंगी देवी] की साधना से वाणी में अद्भुत मधुरता आती है।
2.2 राजयोग – नेतृत्व क्षमता
प्रशासनिक शक्ति एवं अधिकार प्राप्त होता है।
2.3 कला-सिद्धि – संगीत में निपुणता
सभी ललित कलाओं में महारत हासिल होती है।
2.4 धन-समृद्धि – आर्थिक उन्नति
अकस्मात धन लाभ एवं व्यापार वृद्धि होती है।
2.5 शत्रु पर विजय – प्रतिस्पर्धा में सफलता
विवादों एवं प्रतिद्वंद्विता में विजय प्राप्त होती है।
2.6 कामना पूर्ति – मनोवांछित फल
सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
2.7 गूढ़ विद्याएँ – तंत्र मंत्र में निपुणता
मंत्र, यंत्र एवं तांत्रिक विद्याओं का ज्ञान प्राप्त होता है।
3. महाविद्या मातंगी के 4 प्रमुख शक्तिपीठ
3.1 कामाख्या मंदिर, असम
51 शक्तिपीठों में प्रमुख स्थान
3.2 उज्जैन का मातंगी पीठ
कालभैरव मंदिर के समीप स्थित
3.3 तारापीठ, पश्चिम बंगाल
तांत्रिकों की परम साधना स्थली
3.4 हिंगलाज माता मंदिर
पाकिस्तान में स्थित प्राचीन शक्तिपीठ
4. महाविद्या मातंगी साधना के 5 सावधानी बिंदु
- केवल सिद्ध गुरु के मार्गदर्शन में करें
- प्राण-प्रतिष्ठित साधना सामग्री ही प्रयोग करें
- नियमित रूप से साधना करें
- गुरु आज्ञा का पालन करें
5. महाविद्या मातंगी देवी की दीक्षा कैसे प्राप्त करें ?
ध्यान योग सिद्धाश्रम के पूज्य गुरुदेव (परमहंस स्वामी निकहिलेश्वरानंद जी के शिष्य) से [महाविद्या मातंगी देवी] की दीक्षा प्राप्त करें।
संपर्क करें:
Dhyan Yog Siddhashram
(Website: www.dhyanyog.org.in /Phone: 9565186555 /Email: service@dhyanyogorg.in)