मंत्र सिद्ध चैतन्य “गर्भस्थ शिशु चैतन्य माला”:
गर्भ की स्थापना के एक माह बाद ऐसी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के लिए, शिशु पूर्णता के साथ चैतन्य हो, उसके विकास में गुणों का समावेश हो और माता पिता के अवगुणों का समावेश ना हो इसलिए यह दुर्लभ माला सहायक है…
तीन माह बाद शिशु में ग्रहण करने की क्षमता का जन्म होता है, इससे पूर्व वह एक पिंड होता है पर उसमें कोई क्षमता नहीं होती, मंत्र सिद्ध चैतन्य गर्भस्थ शिशु सिद्धि माला धारण करने से शिशु में अवगुणों का नाश व सदगुणों का विकास होता है, श्रेष्ठ सर्वोच्च सदगुणों से युक्त दिव्य आत्मा इस संसार में जन्म लेता है, बस इसमें माता को ध्यान देना होता है कि माता प्रेममय रहे, काम क्रोध लोभ जैसी प्रवृत्तियों का त्याग करे, संत सदगुरु सदवेत्ता की वाणी सुने और उनके साहित्य को पढ़े तो निश्चित ही एक सुसंस्कृत जीव का आगमन इस जगत में होता है, यह माला धारण करना आपका परम सौभाग्य….
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