मन्त्र सिद्ध चैतन्य “गुरु हृदयस्त वशीकरण माला”:
श्री गुरुर का ह्रदय अपने वश में कौन कर सकता है..? सिर्फ साधक ही है जो अपने प्रेम के कारण अपने ह्रदय में गुरु को स्थापित कर सकता है…. नित्य की पूजा साधना प्रेम अर्पण कर अपनी भक्ति भवना को माध्यम बना, अपने प्रेम को सेतु बना, अपने गुरु को ह्रदय में प्रवेश कर जाता है और ह्रदय तो हर रूप में सद्गुरु का ही है, उसकी ही विराटता, असकी ही श्रेष्ठता का अंश है, ये व्यक्ति विस्मृत कर गया, उसकी स्मृति आ जाए जिससे जीवन जय, फिर वह अपने ह्रदय में गुरु को प्रतिष्ठा दे अपने जीवन को सम्पूर्ण कर दे, श्री “गुरु हृदयस्त वशीकरण माला” धारण करने से ह्रदय का द्वार खुल जाते है, ह्रदय में प्रेम का प्रकटीकरण होगा,प्रभु आनंद स्वरुप में प्रगट होगा, संसार बड़ा सुन्दर और लुभावना लगेगा…
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