मंत्र सिद्ध चैतन्य “पारद पिरामिड” :
पारद पिरामिड दूषित पर्यावरण एवं विपरीत परिस्थितियों में रहने वाले जातक के वातावरण में होने वाले प्रकोप को आकाशीय उर्जा के माध्यम से रोकता है | सर्प दोष, काल दोष आदि दोष होने पर पारद पिरामिड का स्थापना एवं उसका पूजन सर्वोत्तम उपाय है | यह जातक की इर्ष्या, निंदा, मोह, अहंकार, हिंसा, विक्षिप्ता आदि अनेक आतंरिक दोषों को कम करती हैं
| मानसिक पीड़ा में यदि कोई जातक अपनी सिर पर कुछ समय प्रत्येक सुबह रखे, तो उसे शीघ्र ही चमत्कारिक लाभ होता है | इसी प्रकार बुखार, पेट दर्द, जोड़ों के दर्द में सिद्ध पारद पिरामिड को दर्द के स्थान पर कुछ समय तक रखने से शीघ्र ही दर्द से छुटकारा मिलता है तथा नाभि पर रखने पर तेज ज्वर भी समाप्त हो जाता है
| पारद पिरामिड के बिना किसी मंत्र, जप अथवा उपासना के उपयोग किया जा सकता है| यह पिरामिड आपको जीवन पर्यंत आपको लाभ परदार करता रहता है | पारद मानव जाती को मिला हुआ वरदान झियन, क्योंकि हमारे ग्रांतों में पारे को स्वयं भवान शिव कहा गया हैं |
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