मन्त्र सिद्ध चैतन्य “सर्वशरीर शुद्धि माला”:
सर्वशरीर शुद्धि माला से तात्पर्य है शरीर के सभी केन्द्रों से है, समस्त शरीरों की शुद्धि, समस्त शरीरों की यात्रा, मन, वचन, कर्म और प्राणों का पवित्रीकरण हेतु….
तन स्थूल शरीर है, प्राण अति-सूक्ष्म शरीर है, इन सबका मूल आत्मा और आत्मा का मूल परम अर्थात परमात्मा….
मंत्र सिद्ध चैतन्य शरीर शुद्धि माला धारण करने से स्वयं की मलीनता को पूर्णरूपेण समाप्त कर, सर्व शुद्धि कर अपने दिव्य परम जीवन की अभीप्सा, जीवन की लालसा और जीवन को अतिसूक्ष्म में प्रवेश कर सर्वस्व परमात्मा परम आनंद को प्राप्त कर जीवन जीना, सर्व शारीर शुद्धि माला धारण करने से संभव, यह माला धारण करना जीवन का परम सौभाग्य….
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