” षोडश संस्कार दीक्षा रहस्यम ” : दीक्षा गुरु एवं शिष्य के आत्मवत संबंध का है….
गुरु तो शिष्य के अंतस में पवित्र शक्ति एवं संस्कार का संचरण है..गुरु की कृपा और शिष्य की श्रद्धा, दो पवित्र धाराओं का संगम ही “संस्कार दीक्षा” है..संस्कार दीक्षा से संबंधित अभी तक की यह सबसे अनूठी, साधनात्मक ज्ञान से परिपूर्ण एक अनुपम कृति है, जिसे प्रत्येक दम्पति को पढ़ना, उसे जीवन में उतारना अत्यंत आवश्यक है..जिससे इस धरा पर एक आद्वितीय श्रेष्ठ महामानव का पुनः अवतरण हो सके ….
Avery –
Greetings! Very helpful advice in this particular article!
It is the little changes which will make
the greatest changes. Many thanks for sharing!
my web page; Royal CBD