” श्री गुरु रहस्य ” :
स्कन्द पुराण में भगवान सदाशिव ने देवी उमा को श्री गुरु के संबंध में जो भी स्पष्ट दो टूक अपना अनुभव दिया उसका मूर्त रूप ही “श्री गुरु रहस्यम” (गुरु-गीता) हैं | इसमें भगवान सदाशिव ने बताया कि चाहे अन्य किसी देवी-देवता की कितनी भी पुजा पाठ एवं साधनाएं की जाएँ, वह अपने आप में न्यून एवं तुच्छ हैं, क्यूंकि हे ! देवी उमा समस्त साधनाओं में सिद्धि एवं जीवन में पूर्णता केवल श्री गुरु ही दे सकते हैं |
अतः जीवन की आपाधापी, व्यवस्ता, दीनता एवं दरिद्रता को पूर्ण रूप से समाप्त करने की प्रक्रिया है श्री गुरु रहस्यम…. जीवन के समस्त रोगों को समाप्त करने की प्रक्रिया है श्री गुरु रहस्यम..पूर्ण पुरुषत्व, पूर्ण यौवन, अद्वितीय एवं श्रेष्ठ पुत्र प्राप्त करने की विधा है श्री गुरु रहस्यम..अतीव सुन्दर, आकर्षण एवं सम्मोहक बनने की प्रक्रिया है श्री गुरु रहस्यम..समस्त सुख-सौभाग्य, धन-यश-मान, पद-प्रतिष्ठा एवं वैभव प्राप्ति का उपाय है श्री गुरु रहस्यम..अपने घर में लक्ष्मी की अजस्त्र वर्षा करने का उपाय है श्री गुरु रहस्यम..समस्त भौतिक एवं अध्यात्मिक शक्तियों को प्राप्त करने की विधा है श्री गुरु रहस्यम..वशिष्ठ, विश्वामित्र, अत्री, कणाद, पुलास्य एवं शंकराचार्य बनने की प्रक्रिया है श्री गुरु रहस्यम..विदों, उपनिषदों, पुराणों एवं शास्त्रों की तरफ से उपहार है श्री गुरु रहस्यम…
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