तुम्हारी “आत्मा”, तुम्हारा “प्राण” जो सुप्ता अवस्था में है, तुम्हारे प्राणों की अग्नि को प्रज्व्वालित करने हेतु, तुम्हारी आत्मा की सुप्तता को समाप्त कर पूर्ण जागरण हेतु, इस पुस्तक का अवतरण “ब्रह्मप्रिया नम्रता कमलिनी” द्वारा…. जीवन का मूल उद्देश्य क्या है ? तुम्हें क्या पाना है ? क्या कुछ है तुम्हारे में छुपा ? जो तुम्हें सम्पूर्ण कर सकता है, जिसके बारे में तुम्हें कुछ पता नहीं, जो तुम्हारे ही अंतः में छुपा हुआ है..इस रहस्य का दर्शन कराती है ये दिग्दर्शिका, जीवन की हर ऊँचाई को छू लेने के लिये तुम्हें भर देगी ये पुस्तक…. लेखिका – ब्रह्मप्रिया नम्रता कमलिनी जी BUY NOW !! इस दिव्य सदग्रंथ को मांगने के लिए संपर्क करें – 8108 666 991/2/3/4
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